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Tuesday 25 March 2014

तुम-हम


तुम जल हम चाक चक्की के
तुम वायु हम कण धूलि के
आत्मा तुम हम खुलती बंधती मुट्ठी
तुम स्पष्ट हम भाषा जो करे  व्यक्त
तुम आनंद हम रूप हास्य के ...

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