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Thursday, 31 January 2013

 only you
i choose
among the entire world
 is it fair
of you
letting me be unhappy

my heart
is a pen
in your hand

it is all
up to you
to write me happy or sad

i see only
what you reveal
and live as you say

all my feelings
have the color
you desire to paint

from the beginning
to the end
no one but you

please make
my future
better than the past

when you hide
i change
to a Godless person

and when you
appear
i find my faith

don’t expect
to find any more in me
than what you give

don’t search for
hidden pockets because
i’ve shown you that
all i have
is all you gave.

बस तुम्हे,
मैंने चुना है,
इस कदर फैले जहां में। 
क्या सही है,
तेरा यह ,
मुझ को यूं मायूस रखना ? 
मेरा दिल ,
 तो बस कलम इक ,
हाथ तेरे थामते जो.
अब तो सब कुछ, 
तू ही थामे, 
लिखे ग़म या ख़ुशी मुझ से।
देखता बस वो ही , 
जो दिखलाता है तू ,
और रहता जिस तरह तू है रखता।  
मेरे दिल के भाव , 
रंगते उन रंगों में,
जिस तरह तू चाहता है। 
जनम से आगाज़ तक, बस तू ही तू है 
कर रहम , दे बना मेरा आज,बीते कल से बेहतर .
जाए छिप तू ,रह जाता  मैं बेखुदा सा , 
झलकता तू , मुझे मिल जाता किनारा , 
चाह मत कुछ और मुझ में ,
जितना तूने बक्शा मुझको उस से ज्यादा , 
खोज न मुझ में कहीं कुछ और बाकी ,
क्यूंकि मैं दिखा चुका अपना सभी कुछ .
पास मेरे बस वही जो तूने बक्शा !
 
 
 

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