if you pass your night
and merge it with dawn
for the sake of heart
what do you think will happen
if the entire world
is covered with the blossoms
you have labored to plant
what do you think will happen
if the elixir of life
that has been hidden in the dark
fills the desert and towns
what do you think will happen
if because of
your generosity and love
a few humans find their lives
what do you think will happen
if you pour an entire jar
filled with joyous wine
on the head of those already drunk
what do you think will happen
go my friend
bestow your love
even on your enemies
if you touch their hearts
what do you think will happen
काट कर के रात
सुबह से मिला दो
दिल की खातिर
सोचो क्या घट जाएगा फिर ..
यदि निखिल सृष्टि
ढकीं हो पुष्प गण से
जो उगाये तुमने हो अपने यतन से
सोचो क्या घट जाएगा फिर ..
यदि अमृत जीव जग का
जो छिपा है अंध तम में
फ़ैल कर भर दे मरू और नगर सारे
सोचो क्या घट जाएगा फिर ..
यदि किसी तरह
तुम्हारे स्नेह और औदार्य से
पा सकें कुछ जन स्व अस्तित्व का ध्येय
सोचो क्या घट जाएगा फिर ..
यदि उड़ेलो कलश पूरा समूचा
भरा हो जो लबालब प्रेम मधु से
उन मुखों पर जो नशे में धुत्त रहते
सोचो क्या घट जाएगा फिर ..
जाओ मेरे मित्र
बरसाओ मुहब्बत
अपने शत्रु पर भी
छू सके यदि ह्रदय उनके
सोचो क्या घट जाएगा फिर ..
and merge it with dawn
for the sake of heart
what do you think will happen
if the entire world
is covered with the blossoms
you have labored to plant
what do you think will happen
if the elixir of life
that has been hidden in the dark
fills the desert and towns
what do you think will happen
if because of
your generosity and love
a few humans find their lives
what do you think will happen
if you pour an entire jar
filled with joyous wine
on the head of those already drunk
what do you think will happen
go my friend
bestow your love
even on your enemies
if you touch their hearts
what do you think will happen
काट कर के रात
सुबह से मिला दो
दिल की खातिर
सोचो क्या घट जाएगा फिर ..
यदि निखिल सृष्टि
ढकीं हो पुष्प गण से
जो उगाये तुमने हो अपने यतन से
सोचो क्या घट जाएगा फिर ..
यदि अमृत जीव जग का
जो छिपा है अंध तम में
फ़ैल कर भर दे मरू और नगर सारे
सोचो क्या घट जाएगा फिर ..
यदि किसी तरह
तुम्हारे स्नेह और औदार्य से
पा सकें कुछ जन स्व अस्तित्व का ध्येय
सोचो क्या घट जाएगा फिर ..
यदि उड़ेलो कलश पूरा समूचा
भरा हो जो लबालब प्रेम मधु से
उन मुखों पर जो नशे में धुत्त रहते
सोचो क्या घट जाएगा फिर ..
जाओ मेरे मित्र
बरसाओ मुहब्बत
अपने शत्रु पर भी
छू सके यदि ह्रदय उनके
सोचो क्या घट जाएगा फिर ..
बहुत सुन्दर .
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