I tasted everything.
I found nothing better than you.
When I dove into the sea,
I found no pearl like you.
I opened all the casks,
I tasted from a thousand jars,
Yet none but that rebellious wine of yours
Touched my lips and inspired my heart.
सब चखा मैंने ..
पाया ना पर तुझ से बढ़के कोई.
सिन्धु में डूबा मैं जब,
पा सका ना कोई मोती तेरे जैसा..
खोज डालें कोष सारे ..
पिये प्याले हजारों,
पर नही उन्मादिनी मदिरा तेरी सी
छू सकी मेरे अधर वा तृप्त कर पायी हृदय ..
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