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Monday, 10 March 2014

वरदान हैदुःख

I saw grief drinking a cup of sorrow
and called out,
It tastes sweet, does it not?

You have caught me, grief answered,...
and you have ruined my business.

How can I sell sorrow,
when you know it’s a blessing?


मैंने देखा दुःख को पीते प्याला दुःख का
और पूछा,
मीठा है न स्वाद , है न ?
पकड़ बैठे मुझे तुम, दुःख बोला .....
 और चौपट कर दिया धंधा मेरा सब
बेच सकता भला कैसे दुःख मैं ,
जानते   जब तुम कि ये वरदान है एक ?

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