Rumi in hindi
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Monday, 10 March 2014
जीते रहो
बहते पानी की तरह जाने दो बीते कल को
मुक्त उदासी से रहो
बीत चुका कल किस्से उसके हुए पुराने
नए बीज उगते हैं देखो धरती पर ..
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