“We were green: we ripened and grew golden.
The Sea terrified us: we learned how to drown.
Squat and earthbound, we unfolded huge wings.
We started sober: are love has startled drunkards.
You hide me in your cloak of nothingness.
Reflect my ghost in your mirror of being.
I am nothing, yet appear: transparent dream
Where your eternity briefly trembles.”
“हम हरे थे: पके और सुनहरे हो गये.
सिन्धु न हमको डराया: सीखा हमने डूबना.
पालती मारे धरती से जुड़े, पाँख विस्तृत हमने पसारे ..
चले थे होश में थे: प्यार ने धुत्त किया शराबियों को . छिपा के मुझको शून्य आवरण में तुम
दिखाते प्रतिबिम्ब मेरा अपने उर में ...
मैं नहीं कुछ,पर हूँ दिखता :पारदर्शी स्वप्न सा
अमरता जिसमें तेरी है झलकती "
The Sea terrified us: we learned how to drown.
Squat and earthbound, we unfolded huge wings.
We started sober: are love has startled drunkards.
You hide me in your cloak of nothingness.
Reflect my ghost in your mirror of being.
I am nothing, yet appear: transparent dream
Where your eternity briefly trembles.”
“हम हरे थे: पके और सुनहरे हो गये.
सिन्धु न हमको डराया: सीखा हमने डूबना.
पालती मारे धरती से जुड़े, पाँख विस्तृत हमने पसारे ..
चले थे होश में थे: प्यार ने धुत्त किया शराबियों को . छिपा के मुझको शून्य आवरण में तुम
दिखाते प्रतिबिम्ब मेरा अपने उर में ...
मैं नहीं कुछ,पर हूँ दिखता :पारदर्शी स्वप्न सा
अमरता जिसमें तेरी है झलकती "
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