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Tuesday, 11 June 2013

Nothing Gives Me As Much Joy As The Sailing Boat Of My Silent Heart.

नहीं देती सुकून मुझ को कोई भी शह..जितना गुम-दिल बहती कश्ती..
 
Nothing Gives Me As Much Joy As The Sailing Boat Of My Silent Heart.~ Rumi <3


Art ~ Leonid Afremov.

1 comment:

  1. जैसे तिल में तेल है, ज्यों चकमक में आग|
    तेरा साईं तुझ में है, तू जाग सके तो जाग||

    जब में था हरि नहीं, अब हरि हैं मैं नाहिं।
    सब अंधियारा मिटी गया, जब दीपक देख्या माहिं ॥
    - कबीर

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