O how the Beloved fits inside my heart ;
Like a thousand souls in one body ;
A thousand harvests in one sheaf of wheat ,
A thousand whirling heavens
in the eye of a needle .आह किस तरह मेरा परम प्रिय बसा है मेरे हृदय में ;
जैसे की आत्मा हज़ारों निहित बस एक देह में
फसलें हो जैसे अनेकों मात्र गेहूं के बीज में एक
उमड़ते स्वर्ग सहस्त्रों
सुई के एक छिद्र में ज्यूँ ...
Like a thousand souls in one body ;
A thousand harvests in one sheaf of wheat ,
A thousand whirling heavens
in the eye of a needle .आह किस तरह मेरा परम प्रिय बसा है मेरे हृदय में ;
जैसे की आत्मा हज़ारों निहित बस एक देह में
फसलें हो जैसे अनेकों मात्र गेहूं के बीज में एक
उमड़ते स्वर्ग सहस्त्रों
सुई के एक छिद्र में ज्यूँ ...
No comments:
Post a Comment