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Thursday, 17 April 2014

प्रेम सच्चा

When love is not accepted move on;
when love is not appreciated walk away;
hopefully time will teach what real, true love is.
यदि मिले न प्रेम का स्वीकार, बढ़ जाओ आगे
यदि न हो प्रेम का मूल्याङ्कन , छोडो उसे
समय सिखलायेगा क्या है प्रेम सच्चा सुप्रभातम मित्रो- प्यार करने वाले नौजवानों की मनोदशा पर एक मुक्तक- 
सब कायनात-ए-आम तेरे, नाम पे कर के |
हर सुबहा हरेक शाम, तेरे नाम पे कर के |
सहरा में तन्हा बैठ कर, गिनता हूँ सितारे,
जान-ओ-जिगर तमाम, तेरे नाम पे कर के |
 17   अप्रैल 2014   ---डा.राज सक्सेना

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