हे मेरी उर कामना!,
आ दिखा चेहरा मधुर;
हे मेरे आदि औ अंत,
आ दिखा चेहरा मधुर.
व्यग्र हूँ, अशांत हूँ मैं,
जैसे तेरे बालों की लट,बालों की लट;
हे रक्षक! सुलझा उलझन ,दूर कर,
आ दिखा चेहर मधुर.
बात न कर मार्ग और गंतव्य की,
बात न कर,बात न कर स्वामिनी गौरी;
हे तू जो मार्ग और गंतव्य मेरा,
आ दिखा चेहरा मधुर.
चुराया माटी का ढेला तूने धरा से,
चुटकी भर थी धूल जो बस;
फंस गया मैं माटी में उस,
आ दिखा चेहरा मधुर .
ज्ञात मुझ को शुभ अशुभ अपना,
ज्ञात है रूप अपरूप अपना;
पर न जानूँ कैसा सौंदर्य तेरा,
आ दिखा चेहरा मधुर.
जब तलक न मिटे तार्किक शक्ति मेरी
प्यार में तेरे ,प्यार में तेरे;
हूँ अंजाना मैं, अविवेकी हूँ मैं,
आ दिखा चेहरा मधुर .
प्रमाण आस्था का और सम्राट,
तू है भी और नहीं भी;
कैसा है अद्भुत ? मैं हूँ एकात्म,
आ दिखा चेहरा मधुर .
आ दिखा चेहरा मधुर;
हे मेरे आदि औ अंत,
आ दिखा चेहरा मधुर.
व्यग्र हूँ, अशांत हूँ मैं,
जैसे तेरे बालों की लट,बालों की लट;
हे रक्षक! सुलझा उलझन ,दूर कर,
आ दिखा चेहर मधुर.
बात न कर मार्ग और गंतव्य की,
बात न कर,बात न कर स्वामिनी गौरी;
हे तू जो मार्ग और गंतव्य मेरा,
आ दिखा चेहरा मधुर.
चुराया माटी का ढेला तूने धरा से,
चुटकी भर थी धूल जो बस;
फंस गया मैं माटी में उस,
आ दिखा चेहरा मधुर .
ज्ञात मुझ को शुभ अशुभ अपना,
ज्ञात है रूप अपरूप अपना;
पर न जानूँ कैसा सौंदर्य तेरा,
आ दिखा चेहरा मधुर.
जब तलक न मिटे तार्किक शक्ति मेरी
प्यार में तेरे ,प्यार में तेरे;
हूँ अंजाना मैं, अविवेकी हूँ मैं,
आ दिखा चेहरा मधुर .
प्रमाण आस्था का और सम्राट,
तू है भी और नहीं भी;
कैसा है अद्भुत ? मैं हूँ एकात्म,
आ दिखा चेहरा मधुर .
O my heart's desire,
Come and show your lovely face;
O both my beginning and end,
Come and show your lovely face.
...
I'm agitated, I'm restless,
Like your tress, like your tress;
O savior! solve my problem, redress,
Come and show your lovely face.
Speak not of the path and the end,
Speak not, speak not fair mistress;
O you who are both my path and end,
Come and show your lovely face.
You stole a chunk of clay from earth,
It was a pinch of dirt or clay;
I'm stuck in that clay,
Come and show your lovely face.
I am aware of my good and bad,
Am aware of good and ugliness;
Yet I'm ignorant of your beauty,
Come and show your lovely face.
So long my reason fails to burn
For your love, for your love;
I'm ignorant, I'm insane,
Come and show your lovely face.
Proof of the faith and king,
You are both present and absent;
What a surprise? I'm united,
Come and show your lovely face.
Come and show your lovely face;
O both my beginning and end,
Come and show your lovely face.
...
I'm agitated, I'm restless,
Like your tress, like your tress;
O savior! solve my problem, redress,
Come and show your lovely face.
Speak not of the path and the end,
Speak not, speak not fair mistress;
O you who are both my path and end,
Come and show your lovely face.
You stole a chunk of clay from earth,
It was a pinch of dirt or clay;
I'm stuck in that clay,
Come and show your lovely face.
I am aware of my good and bad,
Am aware of good and ugliness;
Yet I'm ignorant of your beauty,
Come and show your lovely face.
So long my reason fails to burn
For your love, for your love;
I'm ignorant, I'm insane,
Come and show your lovely face.
Proof of the faith and king,
You are both present and absent;
What a surprise? I'm united,
Come and show your lovely face.